Not known Factual Statements About Shodashi

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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं 

सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं

देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥

Probably the most revered amid these could be the 'Shodashi Mantra', which happens to be mentioned to grant both worldly pleasures and spiritual liberation.

The observe of Shodashi Sadhana is often a journey to both of those pleasure and moksha, reflecting the twin character of her blessings.

चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।

काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥

लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः

दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां

Hence, the Shodashi mantra is chanted to produce 1 a great deal more eye-catching and hypnotic in life. This mantra can alter your lifetime in days as this is an extremely impressive mantra. A person who's got mastered this mantra gets like God Indra in his existence.

Goddess Tripura Sundari can also be depicted to be a maiden putting on brilliant scarlet habiliments, dark and prolonged hair flows and is totally adorned with jewels and garlands.

here श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥११॥

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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